Sunday, February 13, 2011

नक्सलियों ने छह महीनों में 190 हत्याएं कीं

छत्तीसगढ़ में माओवादी नक्सली संगठन ने इस वर्ष छह महीनों में 137 सुरक्षाकर्मियों सहित 190 लोगों की हत्या की, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 117 जवान भी शामिल हैं। नक्सली इन वारदातों के दौरान पुलिस के लगभग सौ आधुनिक हथियारों और कारतूसों का जखीरा लूट ले गए है। पुलिस की कड़ी कार्रवाई के दावों के बीच केवल 32 नक्सली मारे गए हैं, जबकि नक्सलियों ने मुखबीरी के आरोपों में 53 ग्रामीणों की हत्या कर दी है। हिंसा का शिकार होनेवालों में पुलिस अधिकारी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के नेता तथा चिकित्सक भी शामिल हैं। पिछले तीन महीनों में नक्सलियों ने भारी उत्पात मचाया। गत छह अप्रैल को दंतेवाड़ा जिले के ताड़मेटला में नक्सलियों ने रणनीति के तहत अब तक की सबसे बड़ी वारदात करते हुए सीआरपीएफ पर हमला किया, जिसमें 76 जवान शहीद हो गए। नक्सली इस घटना के दौरान जवानों की 50 से अधिक बंदूकों के अलावा राइफल और भारी मात्रा में कारतूस लूट ले गए। बीजापुर जिले के बासागुड़ा में गत आठ मई को बारूदी सुरंग विस्फोट में सीआरपीएफ के आठ जवान शहीद हो गए। दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने पहली बार आम लोगों को निशाना बनाया। सुकमा-कोंटा मार्ग पर गत 17 मई को चिंगावरम के पास नक्सलियों ने एक यात्री बस को विस्फोट करके उड़ा दिया, जिसमें 16 जवान सहित 31 लोग मारे गए।  गत 23 जून को गोलापल्ली थाने से निकले जवानों पर नक्सलियों ने गोलियां चलाईं, जिसमें तीन जवानों की मौत हो गई।  गत 29 जून को नारायणपुर जिले के धोड़ाई थाना क्षेत्र के तहत गश्त से लौट रहे सीआरपीएफ के जवानों पर नक्सलियों ने चारों ओर से घेरकर हमला किया। 

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