Saturday, April 9, 2011

झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिए

अन्ना ने सरकार को झुका कर जता दिया कि यदि दृढ़ इच्छा शक्ति हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं है. लेकिन इसके लिए जरुरी है आपकी भावना अच्छी हो. अच्छे उदेश्यों को लेकर कोई भी काम शुरू करने से लेकर आदमी को जिझकना नहीं चाहिए. हर अच्छे काम की ओर लोग भले ही धीरे-धीरे आकर्षित होते है लेकिन जब वो आपके साथ खड़े हो जाते है तो उनसे अधिक शक्ति किसी में नहीं होती. अन्ना के समर्थन में देश भर से उठे हजारों हाथों ने यह तो साबित कर दिया की भारत के लोगों में अभी भी इंसानियत और सच्चाई बाकी है. आज भले ही हर जगह मार-काट,चोरी,लूट,डकैती,हत्या,बलात्कार हो रहे है. पर आज भी अनेकता में एकता भारतीय संस्कृति की विशेषता है. लोगों के भीतर जागरूकता की कमी नहीं है उन्हें समय पर जगाने वालों की जरुरत है. जब लोकपाल बिल के समर्थन में इतनी बड़ी आंधी देश भर से आई तो क्या बदती महंगाई और अंधेरगर्दी तथा घूसखोरी और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए देश भर से एक आवाज़ नहीं आ सकती? यदि इसपर भी लोग अपनी जिम्मेदारी समझ जाए तो देश का भला हो जायेगा. देश में फिर से शांति और समानता स्थापित हो जाएगी. १२१ करोड़ में से आधी आबादी भी इस तरह के जनहित के मुद्दों पर अपनी एकता दिखाए तो भारत फिर से सोने की चिड़िया बन जायेगा.