Friday, February 12, 2010

बदल गयी है प्यार की परिभाषा

बदल गयी है प्यार की परिभाषा




खबर है कि वैलंटाइंस डे पर कंडोम

                                                                                                
और वायग्रा की बिक्री बढ़ गयी.


वैलंटाइंस डे प्रपोज करने का सबसे अच्छा दिन है। कहते हैं ना प्यार का रास्ता पेट से होकर जाता है। डेली मेल में छपे सर्वे के मुताबिक, महिलाओं को अगर अच्छे से रेस्तरां के रूमानी माहौल में कुछ खिलाकर प्रपोज किया जाए तो उन्हें यह काफी अच्छा लगता है। लेकिन खबर पढ़कर तो ऐसा लगता है कि प्यार का रास्ता पेट ही नहीं पेट के ......? वैलंटाइंस डे के बारे में मैंने जब पहली बार सुना था तब ये जानता था कि इस दिन नए प्रेमी अपने प्रेम का इजहार करते है. ऐसे तो वैलंटाइंस डे प्यार के खूबसूरत एहसास को व्यक्त करने का अवसर होता है, मगर अनजाने में ही कुछ लोगों ने इसकी गलत परिभाषा भी गढ़ ली है। यही वजह है कि इस मौके पर वायग्रा जैसी दवाओं का मिस यूज बढ़ जाता है। हालत यह होती है कि, वैलंटाइंस डे के अंतिम चार दिनों में वायग्रा जैसी दवाओं की बिक्री में 40 पर्सेंट की बढ़ोतरी हो जाती है और 90 पर्सेंट खरीदार युवा होते हैं, जिन्हें इसकी कोई जरूरत ही नहीं होती। इसे प्यार कहें या फिर सेक्स या फिर प्यार के नाम पर धोखा. क्योंकि मै समझता हूँ कि प्यार और सेक्स में काफी अंतर होता है लेकिन आज-कल के युवाओं कि यह सोच हो गयी है कि जिससे हम प्यार करते है उससे सेक्स करना हमारा अधिकार है. इस सोच के लिए फिल्मे ज्यादा जिम्मेदार मानी जा सकती है. जानकारों की माने तो वैलंटाइंस डे संत वैलंटाइंस के नाम पर पड़ा है जो प्यार करने की सिख देते थे. पर युवाओं ने इसे सेक्स के दिन के लिए चुन लिया है. समाज में बढ़ रहे खुलेपन और टीवी चैनलों तथा फिल्मों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. वैलंटाइंस डे अपने चाहने वाले को प्रपोज करने, घूमने फिरने, खुशी मनाने के लिए बना है, लेकिन इस मौके पर कुछ लोग सुपर मैन बन जाना चाहते हैं।

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