Monday, February 8, 2010

आमदनी अठन्नी खर्चा दो रुपैया

आमदनी अठन्नी खर्चा दो रुपैया



बढ़ती महंगाई से आम जनता त्रस्त


लोकतंत्र में जी रहे देश के आम लोगों के लिए दो वक्त की रोटी की जुगाड़ भी मुश्किल हो गई है। हर छ: माह में बेहिसाब बढ़ जाने वाली महंगाई ने आम जनता का हाल इतना बेहाल कर दिया है कि उसे अभावों में जीने की आदत पड़ती जा रही है। ऐसा नहीं कि बाजार में किसी चीज की कमी है. बाजार में जरुरत की सभी चीजें उपलब्ध होने के बाद भी बढ़ती महंगाई के कारण लोग चाह कर भी कई चीजों पर अपना मन मार लेते हैं। क्योंकि उन्हें घर परिवार की दूसरी जरुरतों को भी पूरा करना पड़ता है। पहले कहावत हुआ करती थी कि आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया, यह कहावत उन लोगों के लिए लागू होती थी जिनकी कमाई कम और खर्च ज्यादा हुआ करते थे। अब भी यह कहावत लागू होती लेकिन आज के समय में ये खर्ते मजबूरी में लोगों से कराए जा रहे हैं सरकार के द्वारा। क्योंकि पहले इस मुहावरे को जबरिया खर्चे बढ़ाने वाले लोगों पर लागू किया जाता था पर वर्तमान में यह सभी पर लागू हो रहा है। जान निकाल लेनी वाली महंगाई ने पूरे देश के आम लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है। ना चाहते हुए भी लोगों की खर्च करना पड़ रहा है क्योंकि यदि जरुरत की चीजों पर खर्च नहीं करेगा तो जीवन कैसे चलेगा। नेताओं की ओर से लगातार यह बयान आते रहते हंै कि कीमतों पर लगाम लगाई जाएगी। लेकिन पिछले डेढ़ दशक में महंगाई हावी हुई है उसका हर कोई जीता जागता सबूत है। लोगों को यह भी पता है कि एक बार जिस वस्तु की कीमत बढ़ी दोबारा उसका मूल्य कभी कम नहीं हुआ। इस पर ना तो नेता लगाम लगा सकते हैं और ना ही देश के नौकरशाह। बढ़ती महंगाई पर यदि कोई लगाम लगा सकता है तो वह है देश की जनता। क्योंकि यही वह जनता है जिसके दम पर नेता कुर्सी पर बैठता है लेकिन जनता कब अपनी ताकत को पहचानेगी कि वो चाहें तो देश,प्रदेश के मुखिया बने लोगों को जब चाहे तब कुर्सी से उतार फेंक सकती है। लेकिन इसके बाद भी कभी जनता उग्र नही होती। सरकार जितनी दाम बढ़ाती है उसे सरकारी फरमान मान कर उसे अपना लेते हैं। यदि जनता उग्र रुप लेकर इनका विरोध करे तो सरकार के इस रवैये पर काफी हद तक रोक लगाई जा सकती है। आज बाजार पर नजर डालें तो हम पाते हैं कि दाल हो तेल,चीनी हो यह दूध या फिर हो रसोई गैस हो या पेट्रोल हर चीज लोगों से जुड़ी है जिनका दैनिक उपयोग करना जरुरी है ऐसे में कोई इन चीजों का उपयोग ना करे तो उनका जीना दूभर हो जाएगा। महंगाई से लोगों की जान तो निकल ही रही पर यदि जनता नहीं जागी तो आने वाले समय में इस तरह की चौकानें वाली खबरें भी सामने आ सकती है कि महंगाई के कारण किसी ने जान दे दी।

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