Thursday, August 13, 2009

पैसों के पैसा बनाने का खेल




रायपुर में खुलेआम हो रही है


सिक्कों की कालाबाजारी


सिक्कों की कालाबाजारी राजधानी सहित जिले के कुछ हिस्सों में जोरों पर है। शहर के नामी इलाकों में कुछ ऐसे लोग हैं जो कमीशन पर सिक्कों का व्यवसाय कर रहे हैं। पैसे से पैसा बनाने के इस खेल के बीच ऐसे लोग तो लाल हो रहे हैं लेकिन इसका दुष्परिणाम आम लोगों और छोटे व्यापारियों की भुगतना पड़ रहा है। छोटे व्यापारी भी बैंकों से सिक्के नहीं मिलने के कारण ऐसे लोगों से कमीशन में सिक्के लेने को मजबूर हैं। इसी मजबूरी के कारण वे अपनी थोड़ी-बहुत कमाई चिल्हर की खरीदी में लुटा देते हैं। बाजार में हालात ये हंै कि अब एक दो रुपए के सिक्के तो दूर पांच के सिक्कों की भी शार्टेज हो गई है। जानकारों की मानें तो आरबीआई द्वारा जारी किए गए सिक्के की क्वालिटी काफी बेहतर होती है जिसका उपयोग कुछ लोगों द्वारा गलाकर बेचने में किया जाता है। बताते हैं कि इससे काफी बढिय़ा क्वालिटी की आर्टिफिशियल ज्वेलरी बनाई जाती है। जिसकी अच्छी कीमत उन्हें मिल जाती है एक विशेष वर्ग सिर्फ इसी काम में लगा हुआ है। इसके अलावा सिक्के खपाने वाला एक गिरोह जरुरत मंदों को 10 से 15 प्रतिशत कमीशन पर सिक्के उपलब्ध करवाता है। सूत्र बताते हैं कि ऐसे लोगों के पास बैकों से मिले सौ सिक्कों की पाउच आसानी से मिल जाती है,इसके लिए सिर्फ उन्हें उसके एवज में ज्यादा रुपए देने होते हैं। गोलबाजार और मौदहापारा थाना क्षेत्र में यह व्यापार खुलेआम संचालित है। कुछ व्यापारियों ने बताया कि एक रुपए के सिक्के के लिए उन्हें ज्यादा पैसे देने होते हैं जबकि पांच रुपए के सिक्के एक रुपए के सिक्के की तुलना में कम कमीशन पर उपलब्ध हो जाते हैं। बैंकों की मानें तो उनके पास आने वाले सिक्के चेम्बर आफ कामर्स के माध्यम से व्यापारियों तक पहुंचते हैं और किस व्यापारी को कितने सिक्के चेम्बर द्वारा दिए गए हैं इसकी लिस्टिंग बैंक के पास जमा की जाती है। लेकिन छोटे व्यापारियों को जिन्हें चेम्बर से सिक्के नहीं मिल पाते उन्हें बैंक से सिक्के देने का प्रावधान है पर छोटे व्यापारियों की मानें तो बैंकों द्वारा उन्हें सिक्के नहीं मिल पाते और ना ही उन्हें सिक्के वाली मशीन से सिक्के उपलब्ध हो पाते हैं। जिससे मजबूरन ऐसे लोगों से ज्यादा दाम में उन्हें व्यावसायिक उपयोग के लिए सिक्के खरीदने पड़ते हैं।


एक नजर कमीशन पर
पुराने सिक्के- 5 से 8 प्रतिशत
नए सिक्के - 10 से 12 प्रतिशत
एक रुपए - सबसे महंगा
दो रुपए -सामान्य
पांच रुपए - कम प्रतिशत पर उपलब्ध


चेम्बर में शिकायत करें- श्रीचंद

चेम्बर आफ कामर्स के अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि व्यापारियों को नियमत: सिक्के प्रदान किए जाते हैं लेकिन इस तरह का काम हो रहा है तो गलत है। शहर के किसी भी व्यापारी द्वारा इसकी शिकायत चेम्बर के पास की जाएगी तो निश्चित तौर पर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


आवश्यक्ता से अधिक सिक्के नहीं- राव


एसबीआई के उपप्रबंधक रोकड़ चिन्नाराव के मुताबिक सिक्के का आबंटन चेम्बर के माध्यम से व्यापारियों को किया जाता है और आरबीआई के दिशा निर्देश के मुताबिक किसी भी एक व्यापारी को आवश्यक्ता से अधिक सिक्के नहीं दिए जाते क्योकि इससे सिक्के की कालाबाजारी हो सकती है। छोटे व्यापारियों को भी बैकों के माध्यम से सिक्के दिए जाते हैं।


शिकायत पर होगी कार्रवाई- अमित कुमार

एसपी रायपुर अमित कुमार का कहना है कि यदि इस तरह के किसी मामले की शिकायत पुलिस के पास आती है तो उस पर जरुर कार्रवाई की जाएगी।

No comments: