Wednesday, July 29, 2009

पैसों के लिए कुछ भी करेगा...

पैसों के लिए कुछ भी करेगा...


रियालिटी शो सच का सामना
देखकर ही पस्त हुए कई नामचीन

स्टार टीवी द्वारा प्रसारित किया जाने वाला रियालिटी शो सच का सामना जितनी तेजी से प्रचारित हो रहा है उतनी ही तेजी से उसका विरोध भी शुरु हुआ है। इस शो में पूछे जाने वाले प्रश्नों के एक-एक जवाब के साथ आप अपनों के दिलों से दूर और पैसों के नजदीक आते जाएंगे। अभी हाल में सच का सामना करने पहुंचे पूर्व क्रि केटर और वर्तमान के एक्टर विनोद कांबली ने मात्र दस लाख तक पहुंचने के लिए एक ऐसी कड़वी बात कह डाली जिसने उसे अपने सबसे अजीज और करीबी माने जाने वाले दोस्त तथा दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के दिल में खटास भर दी। मात्र दस लाख के लिए उसने अपने बचपन की दोस्ती और सबसे अनमोल रिश्ता कुर्बान कर दिया। एकमात्र कांबली ही इसका उदाहरण नहीं है बल्कि जो भी अभी तक उस शो में आया है उन पर ऐसे सवाल दागे गए जिनके जवाब उनके रिश्तों की डोर को कमजोर करती चली गई। इस मंच पर आने वाला प्रतिभागी अपने सिर पर कफन बांध कर आता है. क्यों कि अपनी पत्नी, बच्चों,भाईयों और माता-पिता के सामने बैठकर उसे जो जबाव देने हैं वो वहां बैठे किसी भी रिश्ते को खत्म करने के लिए काफी है। कार्यक्रम को देखने और समझने से एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि तेजी से विकास की ओर बढ़ रही पृथ्वी के भारत देश में भी कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें पैसों के आगे अपने अनमोल रिश्ते-नातों की कोई परवाह नहीं है। यानि वे सच का सामना करने यह उद्देश्य लेकर पहुंचे हों कि पैसों के लिए तो कुछ भी करेगा। यह बात तो स्टार चैनल वालों को भी कबूलनी होगी कि इस कार्यक्रम के प्रसारित होने के बाद चैनल की टीआरपी में काफी इजाफा हुआ है। क्योंकि इस कार्यक्रम में आने वाले प्रतिभागी से ऐसे सवाल किए जाते हैं जो देखने और सुनने में तो काफी अच्छा लगते है क्योंकि आज हर इंसान को दूसरों के बारे में ऐसी बातें जानने में काफी रूचि होती है जो दूसरों की निजी जिंदगी को प्रभावित करती है। लेकिन क्या किसी के जीवन से जुड़ी तमाम बातों को करोड़ों लोगों के सामने बताकर टीवी चैनलों द्वारा पैसे कमाना सही है? क्या अपने जीवनभर की सच्चाई और कमजोर रिश्तों को मात्र चंद रुपयों की खातिर कैमरे के सामने कहना सही है। सच कड़वा होता है सही है लेकिन इतना कड़वा सच भी किस काम का जिससे बसी बसाई गृह्स्थी,दोस्त-यार,और तमाम रिश्ते तलवार की नोक पर रख दिए जाएं?

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