Sunday, July 26, 2009

राज्य में अब डीजी नक्सल आपरेशन ?

राज्य में अब डीजी नक्सल आपरेशन ?

नक्सल समस्या से निपटने बन रही रणनीति

जेल और होमगार्ड को एक करने की कवायद

राज्य की नक्सल समस्या को ध्यान में रखते हुए अब जल्द ही डीजी नक्सल का पद सृजित किया जाएगा। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर कवायद शुरु हो गई है। बढ़ती नक्सल समस्या पर लगाम कसने और नक्सल मामले से जुड़ी पुलिसिंग की कार्यप्रणाली की कमान अलग करने के लिए इसे राज्य सरकार की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। ज्ञात हो कि मदनवाड़ा घटना के दो दिन बाद ही नक्सल आपरेशन की कमान एडीजी रामनिवास को दी गई थी। इसके पूर्व नक्सल आपरेशन की कमान आईजी स्तर के अधिकारी ही संभाला करते थे। सूत्रों के मुताबिक नक्सल मामलों पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है इसे देखते हुए कुछ दिनों पहले ही गृह विभाग ने एसपी नक्सल आपरेशन का पद सृजित किया है जिसमें एएसपी स्तर के अधिकारियों की पदस्थापना की गई है। पिछले कुछ सालों से लगातार बढ़ रही नक्सली घटनाओं और वर्तमान में मदनवाड़ा घटना के बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान सदन के भीतर और बाहर किए गए हंगामे के बाद से राज्य सरकार कुछ दबाव में है। मदनवाड़ा घटना के लिए कांग्रेसी नेताओं ने डीजीपी की भूमिका पर भी सवाल उठाए थे। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए राज्य के गृह विभाग ने इस विकराल समस्या से निपटने के लिए एक नया पद सृजित करने का सुझाव सरकार को दिया है,जिसे डीजी नक्सल आपरेशन नाम दिया जाएगा। इस पद का कार्यक्षेत्र भी व्यापक होगा। बताते हैं कि इस पद के लिए राज्य के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के नामों की भी चर्चा है जिसमें पूर्व में डीजीपी पद की दौड़ में सबसे आगे रहे एसके पासवान का नाम प्रमुख है। सूत्रों के मुताबिक डीजी नक्सल के लिए राजीव माथुर और प्रवीर महेन्दु के नामों की भी चर्चा है । यदि डीजी नक्सल आपरेशन को सरकार की हरी झंडी मिल जाती है तो माना जा रहा है कि एसके पासवान ही डीजी नक्सल आपरेशन की कमान संभालेंगे। वर्तमान में वे अभी डीजी जेल हैं। सूत्रों का कहना है कि श्री पासवान को डीजी नक्सल बनाए जाने के बाद पूर्व की भांति ही जेल और होमगार्ड की कमान एक ही डीजी के पास होगा। ज्ञात हो कि वर्तमान में अनिल नवानी डीजी होमगार्ड हैं जो डीजी नक्सल पद लागू हो जाने के बाद जेल की कमान भी संभालेंगे। माना जा रहा है कि इस पद के सृजन से नक्सली क्षेत्र में काम कर रहे पुलिस के जवानों को एक बेहतर नेतृत्व प्राप्त होगा। इससे नक्सली क्षेत्र में काम कर रहे जवानों को होने वाली परेशानियों का निपटारा जल्द हो जाएगा साथ ही उन्हें उचित सुविधाएं सही समय पर उपलब्ध हो जाएगी, साथ ही सामान्य पुलिसिंग की कार्यप्रणाली से उन्हें अलग काम करने का मौका मिलेगा। जिससे निश्चित ही बेहतर परिणाम सामने आएंगे।

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