Saturday, March 14, 2009

बापू के लिए समय नही...






बापू के लिए सरकार के पास समय नहीं ?

हमारे देश की दुर्दशा कहें या कुछ और कि भारत के रास्ट्रपिता महात्मा गाँधी से जुडी हुई अनमोल वस्तुओं को भारतलाने के लिए सरकार ने जो प्रयास किये वो कितनी प्रबल थीं. लगातार कई दिनों से उन वस्तुओ की नीलामी की खबरें प्रकाशित होने के बाद भी कोई ठोस पहल सरकार में बैठे जिम्मेदार लोगो द्वारा नहीं की गयी.बल्कि देश के सबसे बड़े शराब किंग माने जाने वाले उद्योगपति विजय माल्या ने १८ लाख अमेरिकी डॉलर(लगभग साढ़े ९ करोर रूपए) में बापू की इन अनमोल वस्तुओ को खरीद लिया. और नीलामी रोकने भारत सरकार की तमाम कोशिशों पर पानी फेर दिया.नीलामी रोकने में असफल सरकार द्वारा माल्या को भारत सरकार की तरफ से बोली लगाने वाला प्रतिनिधि बताया.पर माल्या ने यह कहकर सरकार को अंगूठा दिखा दिया कि उन्होंने इसकी स्वयं ही बोली लगाई थी न कि सरकार ने उन्हें बोली लगाने कहा था. जो सरकार अरबो रूपए बेमतलब पानी की तरह बहा देती है वो रास्ट्रीय महत्व की इन अनमोल वस्तुओ के लिए सरकारी खजाने से ९ करोर रुपए नहीं निकांल पायी ये तो देश के शहीदों का अपमान है. इस बात से गांधी जी के अनुयायियों को कितनी तकलीफ हुई होगी इस बात का अंदाजा सरकार शायद ही लगा पाए. लेकिन इससे सरकार के प्रति गांधीजी के अनुयायियों का नजरिया जरूर बदला है साथ ही वे विजय माल्या का इस बात के लिए भी शुक्रिया अदा कर रहें है की बापू की अनमोल चीजें देश के बहार ना जाकर देश में आ गयी.


सरकार ने नहीं कहा था नीलामी में शामिल होने :

माल्यासबसे ऊंची बोली लगा कर महात्मा गांधी की वस्तुएं देश में वापस लेने वाले उद्योगपति विजय माल्विजय माल्या या ने यह कह कर सरकार के दावे पर सवालिया निशान लगा दिया कि उन्होंने ये वस्तुएं सरकार की तरफ से नहीं बल्कि अपनी मर्जी से खरीदीं। उन्होंने साफ कहा कि इस मामले में सरकार की तरफ से कोई भी व्यक्ति उनके संपर्क में नहीं था। गौरतलब है कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री अंबिका सोनी ने दावा किया कि सरकार विजय माल्या के सहयोग से महात्मा गांधी की वस्तुएं देश में वापस लाने में कामयाब रही। उनके मुताबिक सरकार लगातार माल्या के संपर्क में थी। उन्होंने ने एक निजी चैनल को बताया कि उन्होंने खुद अपनी पहल पर यह सब किया। उन्होंने साफ किया कि सरकार के किसी भी व्यक्ति ने उन्हें नीलामी में हिस्सा लेने के लिए नहीं कहा था। उन्होंने इस बात को भी गलत बताया कि सरकार की तरफ से उनसे इस बारे में संपर्क किया गया था।

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