Thursday, March 4, 2010

योग छोड़ भोग में लिप्त हैं कई बाबा.उनके भक्तों का क्या?


भीमानंद,नित्यानंद और ना जाने कितने आनंद. तथाकथित बाबाओं ने पैसा कमाने का ऐसा तरीका इजाद किया है कि अच्छे-अच्छे को भनक तक ना लगे,लेकिन कहते है ना कि पाप का घड़ा भरते देर नहीं लगती. कोई बाबा सेक्स के कारोबार में करोड़ो अन्दर कर रहा है तो कोई सेक्स का आनंद लेने के लिए हेरोइन के साथ हमबिस्तर हो रहा है. ·कोई झूटे दावे करके लोगों को उल्लू बना रहा है तो कोई डर दिखाकर रुपये वसूल रहा है. देश में बाबाओं ने पैसा कमाने का एक बढ़िया धंधा बना लिया है.कई बाबाओं कि शक्ल ही ऐसी दिखती है जैसे किसी जेल से छूटे आरोपी की होती है. हमारे देश में धर्म-कर्म पर आस्था रखने-वालों कि कमी नहीं है इसी का फायदा ढोंगी बाबा बड़ी आसानी से उठा लेते है. उन्हें उन मासूम लोगों की भावनाओं से कोई लेना-देना नहीं जो उन पर अपना अटूट विश्वास रखते है.उन्हें तो बस अपनी झोली भरने और ऐश करने से मतलब है. यदि इन बाबाओं की करतूत पर गौर करें तो ऐसा लगता है कि नौकरी किये बिना, मेहनत किये बिना पैसा आसानी से कमाने के उद्देश्य और तमाम ऐशों आराम आसानी से पाने के लिए तथा पैसा कमाने कि जद्दोजहद से बचने के लिए बाबा बन जाते है. ताकि उनकी सारी जरूरते पूरी हो जाए. आज दीन-दुनिया के चक्कर में पड़ा आदमी पुण्य के चक्कर में बाबाओं के चक्कर में आसानी से पड़ जाता है इसका फायदा कथित ढोंगी किस्म के बाबा लगातार उठाते रहते है.बात तब खुलती है जब बाबा अपनी कई हदें पार कर देता है. भविष्य बताने, परेशानियों से बचाने का झांसा देकर लोगों को ठगने वालों की आज भी कमी नहीं है.कई समाचार-पत्रों में भी बाकायदा ऐसे बाबाओं द्वारा विज्ञापन देकर अपना धंधा चलाया जा रहा है.यदि इस तरह से ठगी करने वाले लोगों पर नज़र रखने निगरानी समिति बनाई जाये तो ठगी के इस कारोबार पर काफी हद तक रोक लगाई जा सकती है.

No comments: